लेखनी प्रतियोगिता -03-Oct-2023
टूटा वादा
याद है वो वादें जो निभाए नही है
दिल को मेरे लेकर वापस आए नही है
प्रेम की चासनी में दिल को डुबोया है
मिठास प्यार में तब दिल किसी और पे खोया है
मैने तो हर रात दिन तुम्हे ही तलाश किया
औरों के संग हूं मैं न जाने कितना हताश किया
वादें मेरे चकनाचूर दिल का तमाशा हुआ
प्यार जितना था मुझे उतना खुलाशा हुआ
आंख में पट्टी में लगा के यारो के संग घूमते थे
जब यार थे तब रिश्तों का तार तार किया
हार गई जोड़ते जोड़ते रिश्ते को मैं भी
उपहार में भी मुझे हार का खिताब मिला
कहे थे बहुत कुछ वादें भी अनेक किए
मांग में सिंदूर भरूंगा जरूर मैं
आएगी बारात द्वार तेरे देखेगा मोहल्ला
जब ज्यामाल पहनाऊंगा मैं दोस्त मेरे करेंगे कोहराम और हल्ला
सब झूठ वादें का बोलबाला मेरे माथे फोड़ दिए
अब वो रिश्ते को न तुमने किसी और से रिश्ते जोड़ दिए
खुदा सलामत रखे तुमको ऐसे वादें पलट वार न करे
जैसे अपने किया ऐसे कोई रिश्ते का तार तार न करे।।
Alka jain
04-Oct-2023 02:36 PM
Nice 👍🏼
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Abhinav ji
04-Oct-2023 07:46 AM
Very nice
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madhura
03-Oct-2023 11:28 AM
V nice
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